
डा. कृष्ण कुमार रत्तू होंगे प्रतिष्ठित राष्ट्र भाषा गौरव पुरस्कार से सम्मानित
-जयश्री राठौड़||
हिंदी और पंजाबी के प्रख्यात साहित्यकार और मीडिया विशेषज्ञ डा. कृष्ण कुमार रत्तू को अखिल भारतीय हिंदी सेवी संस्थान, इलाहाबाद की ओर से राष्ट्र भाषा गौरव
प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। हिंदी सेवी संस्थान ने रत्तू के दो दशक से ज्यादा समय में हिंदी साहित्य के प्रति किए कार्यों को देखते हुए उन्हें यह सम्मान देने की घोषणा की है।

संस्थान के सचिव और संपादक मधुकर मिश्र के मुताबिक, हिंदी साहित्य में डा. रत्तू के अमूल्य योगदान को देखते हुए उन्हें इस राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया गया है। डा. रत्तू की अब तक विभिन्न विषयों पर कोई पांच दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें से कुछ पुस्तकें राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुई हैं।
हिंदी और पंजाबी के राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में वह नियमित स्तंभ लेखक के रूप में जाने जाते हैं। भाषा, मीडिया और सामाजिक सरोकार जैसे विविध विषयों पर वह बेबाकी से लिखने के लिए जाने जाते हैं।
हाल ही में उन्हें पंजाब सरकार ने हिंदी साहित्य की सेवा के लिए साहित्य शिरोमणि पुरस्कार के लिए चुना है। साहित्य और मीडिया क्षेत्र में कई राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित डा. रत्तू ने अखिल भारतीय हिंदी सेवी संस्थान इलाहाबाद की ओर से राष्ट्र भाषा गौरव पुरस्कार के लिए चुने जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उनके साथ हिंदी का भी सम्मान है।
डा. रत्तू इस समय चंडीगढ़ दूरदर्शन केंद्र में कार्यक्रम प्रमुख के तौर पर कार्यरत हैं। इससे पहले वे जयपुर दूरदर्शन में थे। चंडीगढ़ दूरदर्शन में उनके आने के बाद बहुत से नए कार्यक्रम शुरू हुए हैं।
Facebook Comments
- Published: 6 years ago on September 7, 2012
- By: admin
- Last Modified: September 7, 2012 @ 1:08 pm
- Filed Under: कला व साहित्य, मीडिया
- Tagged With: अखिल भारतीय हिंदी सेवी संस्थान, के के रत्तू, डा. कृष्ण कुमार रत्तू, दूरदर्शन, मीडिया विशेषज्ञ, साहित्य शिरोमणि पुरस्कार
NEXT ARTICLE →
भारतीय प्रधानमंत्री, अंतराष्ट्रीय मीडिया तथा शर्मसार होता आम भारतीय….
← PREVIOUS ARTICLE
फिजा की मौत किसी राजनैतिक साजिश का हिस्सा तो नहीं?
अरे वाह! डॉ रत्तू जी को बधाई! प्रसंगवश, अत्यंत विनम्रतापूर्वक यह बताता चलूं कि इस महान संस्था ने इस अकिंचन को भी अपने दो सम्मान – राष्ट्रभाषा गौरव और साहित्य शिरोमणि प्रदान करने का प्रस्ताव भेजते हुए मात्र 2100/- भेजने का अनुरोध किया है.
2100 रुपये में दो? मैं भी साहित्यकार होता तो पचीस तीस तो खरीद ही लेता 🙂