सुशासन बाबू ने अधिकार यात्रा पर रवाना होने से पहले कभी सोचा भी न होगा कि वे और उनकी कथित सुशासन सरकार बिहार में इतने अलोकप्रिय हो चुके हैं कि इस यात्रा में कहीं उनका स्वागत चप्पलों से तो कहीं पत्थरों से भी हो सकता है. गुरुवार को एक बार फिर बेगूसराय और खगड़िया में उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. बेगूसराय में जहां लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाए वहीं खगड़िया में उनके काफिले पर लोगों ने पत्थरबाजी की.
नीतीश अपनी अधिकार यात्रा के दौरान आज बेगूसराय पहुंचे. बेगूसराय में सभास्थल जाने के दौरान उनकी सुरक्षा को भेदते हुए प्रदर्शनकारी उनकी कार तक पहुंच गए और उन्हें काले झंडे दिखाए .
एक अधिकारी के अनुसार विरोध करने वालों में अनुबंध पर काम करने वाले शिक्षकों के साथ नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया [एनएसयूआइ] के कार्यकर्ता भी शामिल थे.
गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को नियोजित शिक्षकों ने दरभंगा में मुख्यमंत्री की अधिकार सम्मेलन सभा के दौरान हंगामा किया था. इन शिक्षकों ने अन्य शिक्षकों के समान वेतन देने की मांग को लेकर नारेबाजी की थी और पोस्टर-बैनर लेकर प्रदर्शन किया था. इसके बाद सभा में मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान इन शिक्षकों को फटकार लगाई थी.
यही नहीं रविवार को मधुबनी में भी नीतीश कुमार को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था. इस दौरान विरोध करने वालों ने मुख्यमंत्री को चप्पलें दिखाई थी. इस कार्यक्रम के दौरान अस्थाई शिक्षक जमकर हंगामा करने लगे. गुस्साए लोगों ने मुख्यमंत्री को चप्पलें भी दिखाई. यह देख नीतीश को भी ताव आ गया था और मंच से ही उन्होंने कहा कि मैं अभी गुस्सा नहीं कर रहा हूं, लेकिन अगर कोई फैसला ले लिया तो मुश्किल आ जाएगी.