उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का शासन आने के बाद अब सपा भी अपनी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी बसपा की राह पर चलती दिखाई दे रही है. बसपा ने जहां अपने शासनकाल में करोड़ों खर्च कर पार्टी सुप्रीमो मायावती के विशाल बुत बनवाकर लगवाए वहीं अब सपा अपने नेता मुलायम सिंह का मंदिर बनवा रही है. इस बात की पूरी उम्मीद है कि सपा और बसपा के बीच का यह स्टेचू वार आने वाले समय में बेहद दिलचस्प मोड़ भी लेगा. फिलहाल पार्टी अपने नेता मुलायम सिंह के इस मंदिर को बनवाने में ज्यादा बिजी है.
इस मंदिर की आधारशिला भी किसी और ने नहीं बल्कि खुद सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने ही रखी. हालांकि मुलायम सिंह का यह मंदिर न तो लखनऊ में बन रहा है न ही मुलायम के पैतृक गांव सैफई में ही बन रहा है. यह बन रहा है अलीगढ़ में. पार्टी सचिव राजेश सैनी इस मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं. 22 नवंबर को खुद मुलायम सिंह ने इसकी आधारशिला रखी. इस मंदिर को जल्द से जल्द खड़ा करने की शुरुआत भी की जा चुकी है. मुलायम के इस भव्य मंदिर के लिए जमीन ली जा चुकी है और धन जुटाया जा रहा है. हालांकि पार्टी के मुताबिक इसके लिए किसी भी तरह से सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं किया गया है. वहीं धन जुटाने के लिए लोगों को बाधित नहीं किया गया है, बल्कि लोग अपनी खुशी से इसके लिए दान दे रहे हैं. इसकी वजह वह पार्टी प्रमुख मुलायम की प्रसिद्धी बता रहे हैं.
बहरहाल इस मुलायम टेंपल के लिए उनकी एक विशाल प्रतिमा बनाने के लिए ऑर्डर तक दिया जा चुका है. राजस्थान के मकराने से इस मंदिर को और इसकी मूर्ति को तैयार किया जाना है. 11 लाख की लागत से यह मंदिर तैयार किया जाएगा. सपा सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा. मुलायम टेंपल का डिजाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि इसमें एक गर्भगृह, एक विशाल हॉल, एक वेटिंग रूम मौजूद होगा.
पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि यह मंदिर का निर्माण सपा कार्यकर्ता अपने खर्चे पर करवा रहे हैं. मुलायम टेंपल में सुनाई देगी समाजवादी चालीसा जिसको लिखने और धुन में पिरौने का काम हॉम्योपैथी डाक्टर काम्ता प्रसाद केशरी ने किया है. भले ही उत्तर भारत में इस तरह का यह पहला मंदिर होगा लेकिन दक्षिण में अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता का पहले से इस तरह का एक मंदिर मौजूद है. (जागरण)
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मुलायम का मंदिर बनेगा तो फिर मायाबती की मंदिर मूर्ती लगाने का विरोध क्यों