बहुचर्चित जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षक भर्ती घोटाले में बुधवार को रोहिणी कोर्ट स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला, राज्य के तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार सहित 55 आरोपियों को दोषी करार दिया है. अदालत के निर्देश पर सभी दोषियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया. अदालत ने सजा सुनाने के लिए 17, 19, व 22 जनवरी की तारीख तय की है.
वर्ष 1999-2000 में हरियाणा के 18 जिले में हुई 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती के मामले में मानदंडों को ताक पर रख कर मनचाहे अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई थी. इसके लिए शिक्षकों की भर्ती की जिम्मेदारी कर्मचारी चयन आयोग से लेकर जिला स्तर पर बनाई गई चयन कमेटी को सौंपी गई थी जिसने फर्जी साक्षात्कार के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची तैयार की थी. इसके लिए जिला स्तरीय चयन कमेटी में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मनचाहे अभ्यर्थियों के चयन के लिए बैठकों में दबाव भी बनाया गया था
सीबीआइ ने भर्ती में अनियमितता का मामला सामने आने पर जनवरी 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला, विशेष कार्य अधिकारी विद्याधर, राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार सहित कुल 62 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सुनवाई के दौरान छह आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि एक को आरोप मुक्त कर दिया गया था.
इससे पहले सीबीआइ के जज विनोद कुमार ने 17 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए 16 जनवरी को अंतिम फैसला सुनाने की बात कही थी.
उधर, पिता-पुत्र की गिरफ्तारी के बाद से इनेलो कार्यकर्ता सन्न हैं. नेता व पदाधिकारी अभी इस मामले पर चुप्पी बनाए हुए हैं. पार्टी संगठन में इस पर मंथन चल रहा है और इस पर शाम तक ही इस पर कोई प्रतिक्रिया दी जा सकती है. सिरसा, भिवानी व हिसार स्थित चौटाला परिवार के आवास पर अभी कोई हलचल नहीं है. पूरी तरह सन्नाटा छाया हुआ है. इनेलो कार्यालय भी सूने ही दिखाई दे रहे हैं. पानीपत आज होने वाली जिला कार्यकारिणी की बैठक रद कर दी गई है. कार्यकर्ता अगले कदम के लिए पार्टी सुप्रीमो के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इनेलो विधायक कृष्ण पंवार ने पानीपत में कहा कि मामला न्यायिक प्रक्रिया में लिहाजा इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी.