-आलोक पुराणिक||
पुराने दिन याद आ गये, जब मुहल्ले -कालोनी के आवारा छोकरे अपने लिखे लव-लैटर पकड़े जाने पर डांट खाया करते थे.
सीन यूं होता था-गुड्डी लैटरयुक्त गुड़ी-तुड़ी लिफाफे को उठा पाये, उससे पहले उसके पिताजी लैटर उठा लेते थे. लैटर में नाम बरामद होता था पप्पू का.
क्यों बे पप्पू तूने गुड्डी को लव-लैटर लिखा.
ना, मैंने ना लिखा, मेरा लिखने-पढ़ने में बिलकुल मन ही ना लगता. पूछ लो मेरे पापा से.
क्यों बे पप्पू, तेरा नाम तो लिखा है इसमें, नाम क्या तेरे दस्तखत भी हैं इसमें लिखा है-तुम्हारी जान पप्पू.
ना मैं क्या जानूं, ये गुड्डू बदमाश है, उसने लिखा होगा, अपने दिल के अरमान पूरे करने के लिए, मेरा नाम-दस्तखत लगा दिये. ऐसे लैटर लिखना मेरी पालिसी नहीं है.
अब धरपकड़ गुड्डू की हुई -क्यों बे गुड्डू खुद लिखता है लैटर, नीचे नाम पप्पू का डालता है, नालायक, बदमाश.
गुड्डू मिमिया रहे हैं-हां, चलो ठीक है, लैटर लिखा तो मैंने था, पर मेरे सामने पप्पू ने इस पर दस्तखत किये थे. पप्पू झूठ बोल रहा है.
गुड्डू को गालियां पड़ रही हैं दे दनादन, पप्पू भाग लिया है.
बाद में गुड्डी ने पप्पू से बात करने से भी इनकार कर दिया है, जब लैटर लिखने से मुकर गये, तो काहे की बात, भागो.
पप्पू सफाई दे रहे हैं-लव असली है, पर पिटाई से बचने के लैटर को फर्जी बताना पड़ा.
लैटर पकड़ा जाये, तो कई हाथ छुड़ाकर भाग लेते हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा से देश के पैंसठ माननीय सांसदों ने निवेदन किया की नरेंद्र मोदी को अमेरिका का वीजा ना दिया जाये.
लैटर पकड़ा गया.
हाय, इंडियन माननीय, आप अमेरिका के राष्ट्रपति के आगे मिमियाते हैं. शर्म करें.
माननीय सीताराम येचुरी कह रहे हैं जी मैंने नहीं लिखा.
लैटर लेखन के सरगना सांसद अदीब कह रहे हैं, लिखा है, इसी ने लिखा है. हाय-हाय मुकरो मत.
माननीय मिमिया रहे हैं-ना मैं क्या जानूं, ऐसे लैटर लिखना मेरी पालिसी नहीं है. ये गुड्डू बदमाश है, मेरा नाम-दस्तखत लगा दिये.
गुड्डू मिमिया रहे हैं-हां, चलो ठीक है, लैटर लिखा तो मैंने था, पर मेरे सामने पप्पू ने इस पर दस्तखत किये थे. पप्पू झूठ बोल रहा है.
गुड्डू को गालियां पड़ रही हैं दे दनादन, पप्पू भाग लिया है.
लैटर पकड़ा जाये, तो कई हाथ छुड़ाकर भाग लेते हैं.