सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि वह प्रसार भारती को ब्रिटिश ब्रोडकास्टिंग कारर्पोरेश (बीबीसी) की तर्ज पर पुनर्गठित करना चाहते हैं. इसके लिए इसकी ‘संपादकीय स्वतंत्रता’ और इसके ‘कर्मचारियों पर आंतरिक नियंत्रण’ में वृद्धि की जाएगी.
समाचार चैनल हेडलाइन टुडे के साथ बातचीत में जावड़ेकर ने कहा, ‘‘मैं दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो का नेतृत्व करने के लिए एक पेशेवर प्रधान संपादक की नियुक्ति करने पर विचार कर रहा हूं और उचित लगने पर लोगों को समाचार कवर करने की पूरी आजादी होगी.’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने कहा कि ‘दार्शनिक रूप से’ और ‘वैचारिक रूप से’ उनका मानना है कि लोकतंत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की कोई आवश्यकता नहीं है.
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘दार्शनिक रूप से और वैचारिक रूप से मेरा मानना है कि लोकतंत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की कोई जरूरत नहीं है. प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) भी इससे सहमत हैं और मेरी दीर्घ अवधि का लक्ष्य इस मंत्रालय को निष्क्रिय बनाने की दिशा में काम करना है.’’ उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में दूरदर्शन और आकाशवाणी के संचालन में किसी किस्म का हस्तक्षेप नहीं होगा.
अच्छा परिवर्तन होगा जब दूरदर्शन सरकारी भोंपू न रहकर स्वतंत्र इकाई के रूप में कार्य कर सकेगा तब ख़बरों के साथ न्याय भी होः इसकी विश्वश्नीयता भी बढ़ेगी जैसा कि बी बी सी की है
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