-जसविंदर सिद्धू ।।
भारत-पाक के अरबों हॉकी प्रेमी बदनसीब ही कहे जाएंगे कि उन्हें बेहतरीन मुकाबला देखने को नहीं मिला। भारत ने बेशक ओरडोस (चीन) में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया लेकिन एशियन हॉकी फेडरेशन, महाद्वीप के इस अहम हॉकी टूर्नामेंट और फाइनल ‘थ्रिलर’ का सीधा प्रसारण करने में नाकाम रही। लेकिन इस खेल के चाहनेवालों के लिए फेसबुक, ट्विटर और एसएमएस मददगार साबित हुए।
पूर्व कोच हरेंद्र सिंह फाइनल का प्रसारण न होने से काफी दुखी थे। उन्होंने इसे एशियन हॉकी फेडरेशन की नाकामी बताया। इस नतीजे के लिए पूरी तरह ट्विटर पर ही निर्भर थे। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट पर मैच देखने का मौका मिला। कुछ लोग हर पांच-दस मिनट बाद मैच को लेकर ट्वीट कर रहे थे। और वह इन सभी को फोलो कर रहे थे।
हॉकी इंडिया के महासचिव नरेंद्र बतरा मीडिया को लगातार मैच की प्रगति के एसएमएस भेज रहे थे। उन्होंने इंटरनेट पर प्रसारण देखने का एक लिंक भी भेजा। लेकिन साइट पर जाने के बाद चीनी भाषा का ज्ञान जरूरी था। इसलिए यह कोशिश सफल नहीं हो पाई। पूर्व कोच एमके कोशिक ने अपने टीवी पर सारे चैनल बदल डाले। उन्हें लगा कि कहीं तो इसका प्रसारण हो रहा होगा, लेकिन उनके हाथ निराशा ही लगी।
लेकिन इस दौरान फेसबुक सबसे सफल साबित हुआ। जिस तरह का मैच था, फेसबुक पर इसकी प्रगति रोमांच पैदा करने वाली थी। मैच पहले बराबरी पर छूटा। पेनाल्टी पर गया। जीत के बाद एकदूसरे को दी गई बधाइयां भी कम रोमांचित करने वाली नहीं थीं।
(साभार – अमर उजाला)
ये तो वाकई शर्म की बात है.. क्या दूरदर्शन चीन के टीवी से बात नहीं कर सकता था? क्या हमें अपने राष्ट्रीय खेल को सरकारी चैनल पर भी देखने का मौका नहीं मिलना चाहिये था? ये ही सरकारी अधिकारी फिर बाद में कहेंगे कि होंकी की भारत में क़द्र नहीं है.