फेसबुक पर दिव्य शक्तियों की प्रतिस्पर्धा शुरू हो चुकी हैं. परमपिता परमेश्वर से शुरू होने वाली इस कड़ी में हज़रत शैतान इब्लीस, राक्षस राज आदि के बाद अनेक नए अवतार आ गए हैं. अद्वितीय परमेशवर, अहोभाव, अहम् ब्रह्मास्मि, हज़रत इब्लीस, नास्तिक बाबा जैसे अनेक दिव्य आईडियों ने फेसबुक उपयोगकर्ताओं के सर में दर्द कर दिया है. हर रोज़ तीन-चार नयी ऐसी आईडी से रिक्वेस्ट आने से लोग परेशान होने लगे हैं. इन कथित भगवानों, शैतानों और राक्षसों की भीड़ से त्राहिमाम कर उठे हैं फेसबुक यूजर्स. अभी चार दिन पहले परमपिता परमेश्वर के आगमन तक तो सब ठीक था. लेकिन उसके बाद अचानक जैसे बाढ़ ही आ गयी है.
जहां एक तरफ अद्वितीय परमेश्वर लिखते हैं. “मै न तो किसी को स्वर्ग भेजता हुँ न ही किसी को नर्क भेजता हुँ. स्वर्ग देवताओ के लिए आरक्षित है वहाँ मनुष्य आत्मा का प्रवेश वर्जित है. जो मनुष्य अपने कर्मों से स्वयं का और अन्य लोगो का भला करेगा उसे उसके इन अच्छे कार्यो के बदले एक और जन्म किसी उच्च परिवार मे दुंगा और उसके अच्छे कार्यो के बदले उचित फ़ल मिलने के बाद उसकी कर्म से मुक्त आत्मा को मै परमात्मा स्वयं मे समा लुंगा. और जो दूसरों का बुरा हो ऐसे कर्म करेंगे उन्हे मै जब तक उन कर्मो का उचित दंड न भोग ले तब तक इस संसार चक्र मे बार बार जन्म लेने और शरीर छोडने के लिए मजबूर करता रहुंगा और अंत मे कर्म बंधनो से मुक्त उनकी भी आत्मा को अपने मे समा लुंगा. और जो मुर्ख इससे बचने के लिए प्रेत बन जाते है और दुसरे के शरीर मे प्रवेश कर भोगों को भोगने की कामना रखते है. उनकी दुषित आत्मा के दोष को जलाते हुए और उन्हे भयंकर पीडा पहुँचाते हुए उनकी भी आत्मा को शुद्ध कर एवं कर्म बंधनो से मुक्त कर अपने मे समा लुंगा.”
वहीँ अहोभाव लिखते हैं, “मेरा होना किसी की वजह से नहीं है . मै हूँ, क्योकि मुझे होना था. तो जब किसी ने अपने होने को, किसी दूसरे के होनें से जोड़ दिया, उसने खुद को घटा दिया. “परम”जो है, सो है. उसका होना किसी की वजह से नहीं बल्कि उसके होने से बाकी सब है. जो सनातन सत्य है, उसे तम का अंत करने के लिए अगर पैदा होना पड़े, तो ऐसा कहके वह अपने होनें की वजह तम को बता, तम को बड़ा बना देता है, तम को महत्वपूर्ण बना देता है. मुझे ऐसा कुछ नहीं कहना. मै हूँ क्योंकि मै था . हमेशा!
इसी तरह अहम् ब्रह्मास्मि अपना वक्तव्य कुछ यूं दर्ज करवाते हैं-
“ हजरत शैतान इबलीस और परमपिता परमेश्वर के फेसबुक पर अवतरित होने के बाद हमे भी अपना अकाउंट बनाना पड़ा, जिससे अन्धविश्वास न फैले, मैं आपको पाखंडो से दूर विज्ञान की दुनिया में ले जाऊंगा”
धर्म की दुनिया से मुक्ति दिलाने के लिए सामने आये नास्तिक बाबा सभी नास्तिकों के एक होने का आह्वान करते हुए स्टेटस में लिखते हैं –“इस दुनियां को बचाना हे तो नास्तिकता की और कदम बढ़ाए.. एक भी उदाहरण नहीं मिलेगा जहाँ कभी किसी नास्तिक ने निर्दोष मनुष्यों को मारा हो मगर धर्म के अंधे अनुयायियों ने इतिहास गवाह हे सदियों से इंसानों का संहार किया हे और आज भी जारी हे ..आइये इस दुनियां को कट्टर पंथियों से मुक्त कर मानव धर्म की अलख जगाये ..जय इन्सान जय इंसानियत ..जीत मानवता की ही होगी ..”
हालाँकि शुरुआत में तो फेसबुक यूज़रों ने इन्हें हाथों हाथ लिया, लेकिन अचानक बाढ़ आ जाने के बाद त्राहि त्राहि कर के इधर उधर भाग रहे हैं और इन्हें इन्हीं के अंदाज़ में मज़ा चखाने की सोच चुके हैं. लोग फेसबुक को ट्विटर की शक्ल दिए जाने से खासे नाखुश हैं. अब देखना ये है कि ऊँट किस करवट बैठता है और इन दिव्य उपयोगकर्ताओं का क्या होता है. कुछ यूज़र तो अब फेसबुक छोड़ने पर विचार कर रहे हैं तो कुछ का कहना है कि अब फेसबुक और ट्विटर में कोई अंतर नहीं रह गया है.
थोड़े दिनों में करोड़ों फ़ेसबुकिए भगवान आ जायेंगे , और एक नया देव युद्ध चालू हो सकता है जिसे सायबर साइबर देव युद्ध की संज्ञा दी जा सकती है
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