रांची बहुचर्चित तारा शाहदेव के मामले में आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ़ रकीबुल हसन ने पुलिस पूछताछ में सरकारी अधिकारियों को लड़की सप्लाई करने की बात कबूल कर ली है. इसके साथ ही तारा शाहदेव ने अपने पति पर जो भी आरोप लगाए हैं, पुलिस जांच में उनकी पुष्टि होती दिख रही हैं. इस बीच, निष्पक्ष जांच को लेकर बढ़ते दबाव और रकीबुल के राज्य के कई पुलिस अधिकारियों और हाई प्रोफाइल लोगों से संबंध को देखेत हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है.
महिला शूटर तारा शाहदेव ने आरोप लगाया था कि रंजीत सिंह कोहली उर्फ़ रकीबुल हसन ने खुद को हिन्दू बताते हुए उनसे शादी की और उसके बाद मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए दबाव डालने लगे. तारा ने हिन्दू रीति-रिवाज से विवाह के अगले दिन जबरन निकाह करवाने का आरोप भी लगाया था. इस मामले में जिस काजी द्वारा निकाहनामा पढ़वाने की बात कही गई थी, शुक्रवार को वह सामने आ गए. काजी मोहम्मद मुस्तफी ने कहा कि उन्हें 8 जुलाई को वे ब्लेयर अपार्टमेंट में निकाह करवाने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वल्दीयतनामा में साइन नहीं होने की वजह से उन्होंने निकाहनामे पर दोनों के साइन नहीं करवाए थे.
दूसरी तरफ, शुक्रवार को कोर्ट ने रंजीत सिंह कोहली उर्फ़ रकीबुल हसन को तीन दिनों के पुलिस रिमांड में भेज दिया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जगन्नाथपुर थाने में पूछताछ के दौरान उसने सेक्स रैकेट चलाने की बात कबूल ली. बताया जा रहा है कि उसने प्रशासन और न्यायपालिका से जुड़े करीब तीन दर्जन लोगों के नाम भी पुलिस के सामने उजागर किए, जिनके पास वह लड़कियां पहुंचाता था. रकीबुल ने तारा के उस आरोप की पुष्टि की कि वह मंत्रियों समेत रसूखदार लोगों को स्टेशन रोड स्थित होटेल अकॉर्ड में ले जाता था.
तारा ने कहा था कि इस मामले में जिन मंत्री, जज और पुलिस ऑफसरों के नाम सामने आए हैं, उनकी सीबीआई जांच कराई जाए. शुक्रवार को महिला शूटर ने दावा किया था कि राज्य के एक वर्तमान मंत्री तो रकीबुल के कहने पर रात एक बजे अपनी लालबत्ती लगी गाड़ी और सिक्यॉरिटी गार्ड छोड़ होटल अकॉर्ड के कमरा नंबर 307 में जाते थे. तारा ने कहा था कि इन लोगों के जाल में 19 से 22 साल की कई लड़कियां फंसीं हुई हैं, जिन्हें ये लोग नामी कॉलेजों में एडमिशन और पैसे का लालच देकर भेजते हैं.
सूत्रों के अनुसार, रंजीत ने पुलिस को बताया है कि झारखंड के एक जिले में पोस्टेड डीएसपी रैंक के एक पुलिस अधिकारी जब रांची आते थे, तब उसके अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित किराए के मकान या अशोक विहार स्थित मकान में ठहरते थे. वहां वह लड़कियों को भेजता था. इन दोनों घरों का इस्तेमाल वह बाहर से रांची आने वाले अधिकारियों को ठहराने के लिए करता था और अय्याशी के लिए लड़कियां भेजता था. इस मामले में देवघर में पोस्टेड एक जज का नाम भी आ रहा है, जबकि हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस मुश्ताक अहमद पहले ही निलंबित हो चुके हैं.