पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में, पुलिस ने एक वरिष्ठ पत्रकार की उस समय पिटाई कर दी जब वह जम्मू-कश्मीर के कृषि मंत्री गुलाम नबी लोन हंजुरा के एक काफिले में जा फंसा.
बताया जा रहा है कि पिटाई से पत्रकार गंभीर रूप से घायल हो गया है. इतना ही नहीं खबर ये भी है कि पुलिस ने पत्रकार की पत्नी पर भी हमला किया है और ये हमला मंत्री के सामने किया गया है.
उल्लेखनीय है कि, ‘ग्रेट कश्मीर’ के वरिष्ठ पत्रकार जावेद मलिक, श्रीनगर के बाग-ए-मेहताब में अपनी पत्नी के साथ कार में जा रहे थे, उसी समय वहां से जम्मू-कश्मीर के कृषि मंत्री गुलाम नबी लोन हंजुरा का काफिला भी जा रहा था.
वे उसी काफिले में जा फंसे, कि तभी पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक कर उनकी पिटाई कर दी और भद्दी गालियां दीं. अपनी पहचान बताने के बावजूद भी, पुलिस ने उन्हें नहीं बख्शा और उनकी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया.
मलिक ने बताया कि, ‘मंत्री के लोगों ने पहले उसकी पत्नी के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी, जिसका उसने विरोध किया था. इसी बात पर मंत्री की सुरक्षा में खड़े जवानों ने पत्रकार को पीटना शुरू कर दिया. पत्रकार का कहना है कि उसे पीटने के लिए गार्ड्स को मंत्री लोन ने ही इशारा किया था.’
हालांकि, घाटी में इस तरह की घटना कोई पहली बार नहीं है. पिछले कुछ समय से ऐसे कई केस दर्ज किए गए हैं. कुछ पत्रकारों ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों की मनमानी की शिकायत उच्चाधिकारियों से की है. कुछ साल पहले, ग्रेटर कश्मीर के एक अन्य पत्रकार पर इसी तरह का हमला किया गया था, जब वह श्रीनगर में एक विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहा था.
पाकिस्तान में ऐसा हो तो कोई अचम्भा नहीं , हमारे यू पी, बिहार में भी तो अक्सर ऐसे हादसे हो जाते हैं, यहाँ तो मंत्री खुद ही ऐसा कर लेते हैं
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