तुम्हारे पिता ने तुम्हारे साथ कितनी बार सम्भोग किया ? यह अमानवीय प्रश्न राजस्थान पुलिस ने एक 12 वर्षीय दलित किशोरी से पूछा है, जिसकी छोटी बहन को अज्ञात हत्यारों ने सिर पर पत्थर मार-मार कर मार डाला..
–भंवर मेघवंशी ||
हत्या के तुरन्त बाद हत्यारों की खोज के लिये आई पुलिस की खोजी कुतिया ‘कुटीपी’ जिस व्यक्ति के डेरे में जाकर रूकी, उनसे पुलिस न तो पूछताछ कर रही है और न ही उन्हें गिरफ्तार किया
गया है, उल्टे मृतका की बड़ी बहन और पिता को ही कातिल साबित करने की कोशिश की जा रही है तथा जबरन हां कराने के लिए 12 वर्षीय इस दलित किशोरी के पांव के तलुवों से लेकर गुदा तक पर डंडों से निर्मम वार किये जा रहे है। बेहूदगी की हद तो यह है कि इस मासूम पर वैश्यावृति का आरोप लगाते हुए पुलिस रिश्तों को शर्मसार करने वाला सवाल पूछ रही है कि तुम्हारे बाप ने तुम्हारे साथ कितनी बार सम्भोग किया है? इस घटियापन का विरोध करने पर यह दलित किशोरी और पिटती है, उसके हाथ, पांव और आंखे बांध दी जाती है और मारपीट का सिलसिला तब तक चलता है जब तक कि वह निढ़ाल नहीं हो जाती।
इससे भी भयानक तथ्य यह है कि पुलिस हत्या के कथित ‘सच’ को उगलवाने के लिये बिना कोर्ट की इजाजत के ड्रग्स का इस्तेमाल कर रही है और इस मासूम को हर बार डेढ़ छोटी-छोटी गोलियां दी जाती है, जिन्हें खाकर उसे नशा होने लगता है, फिर पुलिस क्या पूछती है और वो क्या जवाब देती है, इसका उसे कुछ भी पता नहीं रहता है। दलित अत्याचारों में देशभर में अव्वल दर्जे पर आ गए राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रायपुर थाने की पुलिस कितनी अमानवीय है, इसका पता मासूम कंचन तथा उसके परिजनों के दर्दनाक बयानों से चलता है।
विगत दिनों दलित व मानव अधिकार संगठनों के एक तथ्यान्वेषी दल ने पीड़ित कालबेलिया परिवार से मुलाकात की तो पता चला कि पुलिस तंत्र के अमानवीय अत्याचारों के चलते 12 वर्षीय दलित किशोरी कंचन कालबेलिया लगभग पागल होने के कगार पर पहुंच चुकी है। उसके पूरे शरीर पर मारपीट के निशान है, अभ्रदता जो उससे की गई है, उसका उसके बाल पर क्या असर पड़ेगा, इसका तो अंदाजा लगाना भी कठिन जान पड़ता है। दलित अधिकार नेटवर्क राजस्थान के राज्य संयोजक तुलसीदास राज तथा अम्बेडकर फैलोशिप के तहत काम कर रहे दलित आदिवासी एवं घुमन्तु अधिकार अभियान राजस्थान (डगर) के प्रदेश सह सचिव रतननाथ कालबेलिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट पुलिस तंत्र की क्रूरता की कलई खोलती है कि किस प्रकार राजस्थान पुलिस घुमन्तु दलित परिवारों को तबाह कर रही है।
गौरतलब है कि सुरमनाथ कालबेलिया की 9 वर्षीय पुत्री सविता घर से बकरियां चराने के लिए निकली थी, लेकिन शाम तक घर नहीं पहुंची तो कालबेलिया परिवार को उसकी चिंता हुई, रातभर ढूंढ़ा मगर सविता नहीं मिली। 23 अप्रेल को सुबह सविता की लाश गांव के बाहर एक खण्डहरनुमा कमरे में लावारिश हालात में पड़ी मिली, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सविता का गला घोंटा गया तथा उसके बाद उसके सिर पर पत्थर मार-मार कर उसकी हत्या कर दी गई। परिजनों ने हत्यारे का पता नहीं लगने तक लाश लेने से मना कर दिया लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों व स्थानीय राजनेताओं के आश्वासन के पश्चात् दुःखी परिजनों ने मासूम की लाश ले ली और अंतिम संस्कार कर दिया।
अंतिम संस्कार के दूसरे ही दिन से पुलिस का तांडव पीड़ित परिवार को झेलना पड़ा रहा है, पुलिस के आला अधिकारियों ने अनौपचारिक बातचीत में बताया कि- ये लोग तो वैश्यावृति करवाते है अपनी लड़कियों से, ये सभी लड़कियां वैश्यावृति में संलग्न थी, शायद किसी लड़की को संदिग्ध स्थिति में उसने देख लिया, इसलिये उसे मार डाला गया। अब क्या कहा जाए, पुलिस के सामान्य ज्ञान पर ? 9, 10, 11 व 12 वर्ष की दलित लड़कियां राजस्थान में वैश्यावृति करती है ? या इस उम्र की लड़कियों का यौनशोषण हो रहा है ? जिसकी खबर स्थानीय पुलिस को है, फिर भी वह कुछ नहीं करती है, क्या यौनाचार एक तरफा होता है, जो श्रीमंत इस प्रकार के कुकर्म को बढ़ा रहे है, रायपुर के उन सफेदपोशों के नाम क्यों उजागर नहीं करती पुलिस ? मगर यह केवल बहानेबाजी है, न तो कंचन का मेडिकल करवाया गया, हमने कहा पुलिस से – आपको लगता है कि यह मासूम बच्ची वैश्या है तो इसका मेडिकल कराओं, मगर पुलिस अच्छी तरह से जानती है कि जैसे ही वह लड़की का मेडिकल करवायेंगी उसकी पोल खुल जाएगी। पुलिस यह भी जानती है कि अगर कंचन को अवैध रूप से हिरासत में ले कर किए गए पुलिसिया अत्याचार की कहानी और उनके अभ्रद सवाल आमजन, मानवाधिकार आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग और मीडिया के बीच पहुंच जाएंगे तो उनके लिए खाल बचाना मुश्किल होगा, इसलिए वह जल्द से जल्द मारपीट कर, धमकी
देकर, ड्रग्स देकर, हर संभव तरीके से मासूम कंचन कालबेलिया और मृतका सविता के पिता सूरमनाथ को ही हत्यारा साबित करने में पुरजोर रूप से जुटी हुई है, जैसा कि पुलिस का चरित्र है, उसे मानवीय संवेदनाओं, मानवीय रिश्तों और गरीब जातियों के दुःखी इंसानों की पीड़ाओं से कोई वास्ता नहीं है।
हमें याद रखना होगा कि पीड़ा झेल रही यह वहीं कालबेलिया जाति है, जिस पर जरामपेशा कहकर सदियों से अत्याचार किया गया, जिनके पास आज भी रहने को घर नहीं है, लाशों को दफनाने के लिए श्मशान नहीं, उनकी कोई इज्जत नहीं, उनके दुःखों की सुनवाई नहीं, उन्हें कोई सुरक्षा नहीं और उनकी शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं ? कुछ भी तो तब हो, जब उन्हें इंसान माना जाए, क्योंकि वे नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस की नजर में आज भी इंसान नहीं है, तभी तो सत्तारूढ़ दल का कोई भी जनप्रतिनिधि मृतक सविता के घर शोक प्रकट करने नहीं गया और न ही दुःख में डूबे सूरमनाथ और पुलिसिया अत्याचार की मारी लगभग पागलपन के किनारे खड़ी मासूम दलित किशोरी कंचन कालबेलिया की व्यथा सुनने का किसी को समय नहीं है ? क्या आपके पास है ?
Kab sudharegi rajya ki pulic 4th cllass ke sipahi kar kya sakte hain ..
इन पुलिस वालो को बदल dene से कुछ नहीं होगा इन सालो कुत्तो से ये पूछिए की क्या unki १२ साल की लड़की भी क्या वही करती है /thi जो ये इश लड़की से पूछ रहे है
सच सुनने और जानने की इन सालो की aaukat नहीं है
ये salo toh ऐसे है जो train मई १००-२०० rupie के लिए भाई बहन के रिश्तो को व् sarmsaar के दे.एक बार मैं पटना से डेल्ही आ रहा था .मगध एक्सप्रेस से. उसमे hamare सीट के सामने वाले सीट पर 2 बहन और 1 भाई ट्रैवेल कर रहे उनको व् ये सालो उत्तर pradesh की वो पुलिस जो अलीगढ में बिना ticket के डेल्ही आ रहे thi ने १०० रुपीस के लिए तंग karna सुरु कर दिए
इन सालो को इतना मारो की ये dubara ऐसे galti na करे.
शायद ये अपने बहन बेटियों को भी वही करते है जो unho ने उन बहन भाइयो को १०० रुपीस के लिए kaha था.
शायद इनके घरो में इनके nati pote inhi की औलाद hote है
ये है हमारा भारत
इस desh के baccho एक बार फिर से pure desh को aandolan की जरुरत है .
एक बात और कहना है जब naukrio में retirement की आगे है तोह इलेक्शन मे व् एक आगे डिसाइड होना chaie.
जय हिंद जय bharat
Aise kalyugi aur papi baap ko goli mar deni chahiye…….
BHAI ESE POLICE BALO SE TO YE PUNCHA JAYE K USKE BAP NE USKI MAA KE SATH KITNI BAR KIYA JAB WO PEDA HUA
rajsthan police to kahar barpane me maharat rakhti hai, aakhir.
hindustan ki polic aaj bhi british hukumat ke pad chinho par chal rahi hai…jarurat hai, police par manwadhikar aayog ka siknja kasa jana….
राजस्थान देश का सबसे पिछड़ा और गंदे लोगों का प्रदेश है, लेकिन कुछ लोग न जाने क्यों उसे अच्छा साबित करने पर लगे रहते हैं, शायद इसलिए की जो थोड़े से लोग संपन्न हैं उन्ही को देखा जा रहा हैं और जो दबे कुचले हैं उनपर किसी का ध्यान नहीं है, राजस्थान पर गर्व करने वालों जरा उधर भी ध्यान दो, क्योंकि वो भी आप ही के प्रदेश के लोग हैं और इन्सान भी….. जिओ और जीने दो..
Dinesh tere jaise log hi is desh ko batna chate hai. Abe Bandar ki aulad tu ye bata kya rajsthan desh ki hissa nahin hai? or tu aisi konsi jagh par rahta hai jaha par ye ghatnaye nahin hoti
क्या कोई एक्शन लिया गया है, उन पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ.. और वो लड़की कहाँ है अब? please clear करें..
लड़की अपने घर पर है,पुलिस के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ है,केवल थानेदार को बदल दिया गया है
यह बहुत ही दुखद घटना है ,पोलिसे की दंतकथा आज कोई नै बात नहीं है.अब तो ये सब एक गिरोह की तरह कम करते है.आज के मोदेर्ण डकैत है.
क्या हालत हो गयी है देश की यार ये बात मुझे पता है की यहाँ की पोलिसे और नेताओ में कोई इंसानियत नहीं बची लेकिन ये इतने भी गिर सकते है ये अंदाज़ा नहीं था हमारे ग्रन्थ और बड़े बड़े यही समझाते है हमे की मुसीबतों का सामना करो १ दिन नयी सुबह जरुर होगी जब तुम्हे न्याय मिलेगा लेकिन अगर उस न्याय के लिए इतनी तकलीफ उठानी पड़ेगी इससे अच में इस देश को छोड़ कर जाना पसंद करूँगा क्योंकि अब हिन्दुस्तान सिर्फ १ जमीं कर टुकड़ा ही है धरती पर जिन नेताओ पोलिसे वालो को इस जमीं के टुकड़े को देश बनाने की जिमेदारी दी गयी वो अब किसी के नहीं है मुझे और मेरी फॅमिली को दर्द सहना पड़े इन्साफ के लिए ऐसे देश में रहने से अच में किसी और देश में शरण लेलु वो ज्यादा अच्हा होगा ठीक है उस देश को हम अपनी भारत माँ के बराबर दर्जा नहीं दे पाएंगे वह हमे वो इज्ज़त भी नहीं मिलेगी लेकिन दर्द भी नहीं मिलेगा वो भी अपने लोगो के हाथो से ज़िन्दगी भर ये सोच कर गुज़र लेंगे की अगर हम हिन्दुस्तान में होते तो ज्यादा आचे से रहते.
ये बेहद अमानवीय है.ऐसे पुलिश वालो को उन्ही के तरीके से ही treet करना चाहिए.आखिर हमारी सरकारे क्या कराती है.इन पुलिश वालो को ऐसी घटिया हिम्मत कहा से मिलाती है.इन्हें तो नाक्साली जनादालातो में खड़ा केर उशी तरीके से दण्डित करना चाहिए
mare dost ek baat achhi tarah se jan lo is desh m media se bada ganda chehre apko nahi milega
इस लडकी का जिस जिस ने मजाक उङाया हैँ,उन सभी को कङी से कङी सजा मिलनी चाहिए । उस लङकी की हमेँ सहायता करनी चाहिए ।
Shocking news that why all citizen keep away to help police even though if they eye witness too.
Keshav Singh Rajpoot : ye rajasthan ke bhilwara jile ke raipur gaanv ki news hai
yes vardi wale gunde h jo khud k liye kisi ko bhi doshi bana sakte h.
इन दोषियों को केवल मौत की सजा होना चाहिए .
भारतीय पुलिस लाइसेंस प्राप्त हथियारबंद गुंडों का गिरोह है!
वर्ष १९४२ में मैं ५ वर्ष की आयु का था ६० या ७० मकानों की वह कस्बा बस्ती थी २०-२५ छोटे छोटे बच्चों के जुलूस रोज बस्ती में फेरी लगाते हुए कुछ बड़े बच्चे नारे लगवाते थे " काले कुत्तों की नाश हो| और भारत माता की जय हो,! गांधी जी की जय हो! मैं सबमे सबसे छोटा था जैसा मुझे समझ में आता था वैसा ही मैं भी नारों को ऐसे दोहराता था काले कुत्तों की जय हो! भारत माता की नाश हो! गांधी जी जय हो!मेरे बड़े भाई १२ के थे वे जुलूस की अगुवाई करते थे ,| दो दो की पंक्ति में जुलूस चलता था र्सबसे आगे मैं अकेला टोपी लगाए ,एक छड़ी में छोटा सा तिरंगा झंडा लगाये छड़ी की ऊपरी नोक पे सुतली का एक छोर बाँध कर उसका दूसरा छोर सबसे पीछे वाले बच्चे के हाथ के झंडे वाली छड़ी मेंबंधा होता था |.
मेरे बड़े भाई जो जुलूस का पीछे से आगे राउंड लगाते थे और कहते थे अपनी अपनी लाइन में चलो? एक दिन उनने मेरा नारा सुना -बोले ,काले कुत्तों की नाश हो,और भारत माता की जय बोलना है तुम उलटा बोल रहे हो?
अंग्रजों का राज्य था और पोलिस की वर्दी का रंग डार्क नीला होता था ,इसलिए काले कुत्ते कहलाते थे , जैसे एक कुतिया के पीछे अपन कुत्तों का हुजूम चलते देखते हैं ,वैसी काले कुत्तों की तुलना उस जमाने के लोंगों नेउस पोलिस से करके नारे बनाए होंगे |आदमी रूपी कुत्ता काला हो या खाकी रंग का इस देश का सबसे भ्रष्ट अत्याचारी ,डकैतऔर लाइसेंस प्राप्त हथियार बंद गुंडों के गिरोहका सदस्य अंग्रेजी राज में होता था आजाद भारत में ,होता है, होता रहेगा |जो राज नैतिक गुंडों के गिरोह के सदस्य के आगे पीछे चलता है और पवित्र लोकसभा और विधान सभाओं में बने कानूनों को चंद रुपयों में बेचता है इनकी करोड़ों की संपत्ति आयकर विभाग को नहीं दिखाई देती | इसीलिये जनलोकपाल चाहिए | अन्ना हजारे ज़िंदाबाद!
आपको संभवतः स्मरण होगा, बरसों पहले एक न्यायाधीश (उनका शुभ नाम मुझे पूरी तरह याद नहीं है, संभवतः जस्टिस मुल्ला थे) की टिप्पणी थी – भारतीय पुलिस लाइसेंस प्राप्त हथियारबंद गुंडों का गिरोह है ! ऎसी ही घटनाओं से यह पुख्ता होती है !
mujhe lgta hai aise logo ke kapde utaar kr pure jila main muh kala kr ke gadha pe beitha kr un sbka juloos nikalna chahiye tb pta chalega izzat jane ke bad jindgi kese bojh bn jati hai ar insan jete jee mar jata hai ar zindga nark se bi buri ho jati hai
jarru ri nahi ki police wale he sahi ho , kyo govind paywal ji
is illake ka collector kaha gaya , use bhi baghi utha le gaye kya.
jo bho karo saaf dil se aur bacchi ke hit mai accha ho.sarkari logo ko risvat khane se fursat hi kaha hai.
bilkul nahi lejana national commission waha ish ladki ki zindagi ka aur mazak ban jayega,insaaf to dur ki baat hai
saja kaun dilwayega wo vakil jo mujrim ko paise lekar bari kara lete hai taki wo dubara shan se zurm kare
bilkul thik kaha mai apki baat se sehmat hu.aajkal to vakil bhi ish dalali ka hisha ban gaye hai
u r right ,police are also corrupted like our politician
mujhe toh ye lagta hain ab media ko kuch aur power dedeni chaiye maslan direct court procedures ko initialize karne jaisi sirf tv show dekhke aur bayanbaji karne se kya hoga
Hamare desh ki janta ko aise baato ke liye fursat hi kahnha h varna un poclice walo ki sis or wife ke sath bhi aisa hi karna chiye tab yes sale naak ragdne ko bhi taiyar ho jayange. rahi hamare desh ke neta to yes to sale apni wife or sis ko kahnhi bhi bhajne ko taiyar ho jaynge janha inhe apna matlab sidh hota dikhega.
mere hisab se in log ko police mein rahne ka koi haq nahi in logo ko khali majduri par lagana chayie jab ye log desh ki beti ke sath ye kar sakte jab inki beti ke sath aisa kiya jaye toh inper kya bitegi
ऐसे लोगो को एक पत्थर से बांधकर समुन्दर में फेक देना चाहिए, और फिर अगर वो लोग नहीं मरते है तो फिर भहर निकलकर फिर आग में दाल देना चाहिए, और हमारे नेताओ की वजह से ये सभ होता है, अगर इंडिया के पुरे नेताओं की सम्पति मिला ली जाए ना तो २ और हिंदुस्तान बना सकते है दोस्तों , ये जो भी सभ यहाँ हमारे हिन्दुस्तान में होता है सभ ये नेताओं की वजह से होता है दोस्तों , @राहुल मेंघनी@
( पता नहीं क्या होगा हमारे हिन्दुस्तान का आगे, रेअल्ली पुरे हिंदुस्तान में ऐसा हो रहा है………)
बिलकुल ठीक कह रहे हो आप यह सब नेताओ के इशारे पैर ही होरहा है,महिलाओ के साथ हिंसा करवाना ,बलात्कार करने वालो को खुले आम छोड़ देना , कोर्ट मई जाकर देखो किस तरह पैसो के बल पैर इन्साफ होता है,जो आदमी अपने साथ ६-६ वकील और नेता की सौरसे लेकर अत है उसकी ही जीत होती है.जामिया मिल्लिया का एक एम्प्लोय अपनी पत्नी के साथ मंसिख ,शारीरिक अत्याचार करता था उसके घर वाले ए दिन रुपियो की फरमाइश करते थे,यहाँ तक की उसके छोटे भाई ने अपनी बभी को हेअटर पैर ढाका दे दिया ,इश पैर भी किसी ने कुछ नहीं किया,जामिया का ये एम्प्लोय खुले आम दूसरी औरतो के साथ नाज़िश रिश्ते रखता है,उसको खुली छूट दे राखी है,नक्व/महिल्ला आयोग /जामिया के कुछ लोग/कुछ नेता उसका इश गंदे खेल मई साथ दे रहे है, क्योकि उनकी जेबे भरी जारही है ,उस महिला को इन्साफ दिलवाने के लिए क्या आप लोग आगे योगे
Kaha ki news hai bhai ji…..??????
Unn logo ko goli mar di jaye aur nahi maar sakte to hume bata de..
मेरे हिसाब से तो उस बाप का मूह कला करके उम्र कैद की सजा दी जाये ताकि फिर कभी वो दोबारा ऐसी गिनोनी हरकत नहीं करेगा .उन पोलिसे वालो को भी सजा मिलनी चाहिए जिन्होंने इश लड़की का मजाक बना दिया है .मेरी नज़र मई ये दोनों ही गुनाहगार है लेकिन हमारा कानून कभी ऐसे लोगो को क्यों सजा देगा बल्कि खुले सांड की तरह उन्हें छोड़ देगा
हिंदुस्तान की पुलिस दुनिया की सबसे घटिया पुलिस है …..इसकी वजह यहाँ के घटिया नेता हैं जो पुलिस का इस्तेमाल अपने मतलब के लिये करतें हैं
हमेशा की तरह पूलिस की वर्दी में अपराध यहां भी देखनें के लिये मिला… बेहद शर्मशार करनें वाली करतूत है पूलिस की… संवेदना वर्दी में कभी नही देखा मैने….
bahut galat hua sab milkar is bachchee ko national women commission, national humman commission delhi le jao.
aap sab milkar pulica par eljam lagane ke bajaye wha jakar hakikat ka pata lagao jarru ri nahi ki midiya shi ho
इश अपराध से जुड़े उन सभी लोगो को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
Bahut hi Sharmnak… aur amanviyata ka chehra hey police walo ka. Dosi police walo aur ish case se jude un sabhi dosiyo ko kadi se kadi saja milni chahiey.
mera Bharat Mahan ?