–ओम थानवी॥
भ्रष्टाचार के मामले में बोफ़ोर्स के बाद 2G के लटक जाने के बाद भाजपा वंशवाद का हमला तेज़ करेगी। राजनीति में वंशवाद अक्सर प्रभावशाली परिवारों के वंशधर सामने लाता रहा है, जिनमें याद-कदा ही कोई योग्य नेता साबित होते हैं।
मगर क्या भाजपा ने वंशवाद से सचमुच परहेज़ रखा है?
सचाई यह है कि इस मामले में भाजपा सरासर शीशे के घर में बैठी है। कुछ नाम तो तुरंत ख़याल आ जाते हैं, जो भाजपा के एमएलए-एमपी या हारे हुए नेता हैं और उनके परिवार में कोई प्रभावशाली रिश्तेदार वर्तमान या अतीत में भाजपा या किसी अन्य दल का नेता रहा है। एक फ़ौरी फ़ेहरिस्त देखिए …
वरुण गांधी/मेनका गांधी (संजय गांधी), देवेंद्र फड़नवीस/गंगाधरपंत फड़नवीस, अभिषेक सिंह/रमन सिंह, पंकज सिंह/राजनाथ सिंह, मानवेंद्र सिहं/जसवंत सिंह, जयंत सिन्हा/यशवंत सिन्हा, वंदना शर्मा/सुषमा स्वराज, दुष्यंत सिंह/वसुंधरा राजे/यशोधरा राजे (विजया राजे सिंधिया), अनुराग ठाकुर/प्रेमकुमार धूमल, जगत सिंह/नटवर सिंह, नरपत सिंह राजवी (भैरोंसिंह शेखावत), अजातशत्रु सिंह/कर्णसिंह, पीयूष गोयल (वेदप्रकाश गोयल), विजय गोयल (चरतीलाल गोयल), सिद्धार्थ नाथ सिंह (सुमन शास्त्री), प्रीतम मुंडे/पंकजा मुंडे (गोपीनाथ मुंडे), पूनम महाजन (प्रमोद महाजन), गरिमा सिंह/संजय सिंह, संदीप सिंह/प्रेमलता सिंह/राजवीर सिंह/कल्याण सिंह, प्रतीक भूषण सिंह/बृजभूषण सिंह, उत्कर्ष मौर्य/स्वामीप्रसाद मौर्य, मृगांका सिंह/हुकुम सिंह, रक्षा खड़से /एकनाथ खड़से, कुँवर सुशांत सिंह/कुँवर सर्वेशकुमार सिंह, कीर्ति आज़ाद (भगवत झा आज़ाद), आकाश विजयवर्गीय/कैलाश विजयवर्गीय, राहुल कस्वां/रामसिंह कस्वां, संजय टंडन/बलराम दास टंडन, प्रवेश वर्मा (साहिब सिंह वर्मा) ….
इसके अलावा भाजपा ने जिन दलों से सहयोग या साझे की राजनीति की, उनमें भी वंशवाद फलता-फूलता रहा है, भले कोई दल अब उनके साथ न रहे हों। उदाहरण: आदित्य ठाकरे/उद्धव ठाकरे/बाल ठाकरे, हरसिमरत कौर/सुखबीर बादल/प्रकाश सिंह बादल/नवीन पटनायक (बीजू पटनायक), महबूबा मुफ़्ती (मुफ़्ती मोहम्मद सईद), उमर अब्दुल्ला/फ़ारूख अब्दुल्ला (शेख़ अब्दुल्ला), रामचंद पासवान, पशुपति पासवान, चिराग़ पासवान, रामविलास पासवान, नरा लोकेश नायडू/चंद्रबाबू नायडू (एनटी रामाराव) आदि।
इस सूची का मतलब यह न निकालें कि मैं वंशवाद का समर्थक हूँ। बिलकुल नहीं। किसी में योग्यता हो तो उसे नेता होने का दायित्व समुचित जनसेवा से अर्जित करना चाहिए।
***
(भाजपा के परिवारवाद की सूची में और नाम जोड़ने के लिए आप अपनी जानकारी यहाँ सहर्ष साझा कर सकते हैं।)
(ओम थानवी हिंदी के वरिष्ठतम पत्रकारों में गिने जाते हैं की फ़ेसबुक वाल से)
हमाम में सब नन्गे ह बीजपी के पास असल मे खुद की कोई विरासत ह ही नही फिर भी वंशवाद का पालन पूरी ईमानदारी से करती ह ओर बीजेपी कुछ वर्ष सत्ता सुख और भोग लेगी फिर इसका असली स्वरूप सामने आ जायेगा वंशवाद अगर बुरा होता तो लोकतंत्र के हर पांच साल में महापर्व आता ह मगर जनता इनको नही नकारता तो कीच देखती होगी इनमे ।।जहा तक गांधी परिवार का मामला ह वह बीजेपी का षड्यंत्र ह कांग्रेस को समाप्त करने के लिए क्योंकि गांधी परिवार के आकर्षण ओर श्रद्धा भाव की वजह से कांग्रेस एकजूट ह ओर बीजेपी जानती ह की गांधी परिवार खत्म तो कांग्रेस खत्म