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-अनुभा जैन॥

“ऊर्जा सुरक्षा और प्रौद्योगिकी के बिना हम ऊर्जा परिवर्तन के बारे में बात नहीं कर सकते। ऊर्जा भंडारण के बिना चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा संभव नहीं है”: आर.के. सिंह, केंद. “हर देश के लिए, ऊर्जा सुरक्षा सबसे पहले आती है। ऊर्जा सुरक्षा और प्रौद्योगिकी के बिना हम ऊर्जा परिवर्तन के बारे में बात नहीं कर सकते। भंडारण के बिना चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा संभव नहीं है। भारत की 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता का हिस्सा बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की योजना है। ये सभी पहलू सामूहिक रूप से एक दुनिया के रूप में हैं जिन्हें हमें संबोधित करने की आवश्यकता है। ये आलोचनात्मक चर्चाएँ हैं। इस सम्मेलन के माध्यम से, हम ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, वित्त और महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला की विभिन्न चुनौतियों का समाधान करेंगे।” यह कहना था केंद्रिय ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय मंत्री आर.के. सिंह का जो मुख्य वक्ता के रूप में बेंगलुरू के होटल ताज वेस्टेंड में 5 से 7 फरवरी 2023 तक चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक को संबोधित करते हुये बोल रहे थे।

उन्होंने आगे कहा कि भविष्य के रोडमैप को इन जी20 देशों की केंद्र सरकारों ने अंतिम रूप दे दिया है। यह मीटिंग एक पहलू यानी ऊर्जा की तैयारियों में से एक है और यह पहलू सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। साथ ही, हमारे पास वैश्विक जलवायु संकट भी है। यह बातचीत पूरी तरह से ऊर्जा पर केंद्रित है। लेकिन इसका विस्तार करने की जरूरत है और हमें एनर्जी एक्सेस, ऊर्जा सुरक्षा, सामर्थ्य और ऊर्जा भंडारण या स्टोरेज के बारे में भी बात करनी चाहिए। विश्व स्तर पर, 600-800 मिलियन लोग ऊर्जा पहुंच (access) के बिना हैं, लेकिन हमारे पास संसाधन हैं और 2019 में हमने सार्वभौमिक पहुंच हासिल की है।
उन्होंने कहा, “भारत आज ऊर्जा भंडारण और ग्रीन हाइड्रोजन में विश्व में अग्रणी है। हमारे पास 1000 MW हावर्स का भंडारण है। भंडारण को साध्य (Viable) बनाना होगा। इन सभी विकसित देशों ने जो जलवायु कार्रवाई और ऊर्जा परिवर्तन की आवश्यकता के बारे में बात कर रहे हैं, कुछ खास नहीं किया है।“ सिंह ने कहा कि भारत इस साल प्रतिष्ठित जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, और जी20 सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक और दुनिया की आबादी के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं। विवरण देते हुए सिंह ने कहा कि एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप ऊर्जा परिवर्तन को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्रौद्योगिकी अंतराल को संबोधित करने और वित्त पर जोर देगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समुदाय की ऊर्जा जरूरतों से समझौता किए बिना इसे समयबद्ध और किफायती तरीके से पूरे देश में वितरित किया जाए।

इस अवसर पर भारत के संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी भी उपस्थित थे। यह उल्लेख करना उचित है कि पहले ईटीडब्ल्यूजी (ETWG) में ’कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन और स्टोरेज’ पर एक उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। भारत 19 देशों, यूरोपीय संघ और 9 अतिथि देशों के 150+ प्रतिनिधियों की मेजबानी कर रहा है। इसके अलावा, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन जैसे विश्व बैंक, यूएनडीपी, आदि और क्षेत्रीय संगठन और नॉलेज पार्टनर्स बैठक का हिस्सा हैं। प्रतिनिधि, भारत के रिनियुएबल सैक्टर और जलवायु परिवर्तन को कम करने के प्रयासों को देखने के लिए इंफोसिस ग्रीन बिल्डिंग कैंपस और पवागड़ा सोलर पार्क भी देखेंगे।

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