Latest Post

कांग्रेस ‘कमल छाप नस्ल’ से निज़ात पाए.. मोदी की महाविजय, महिला मतदाता नायिका ?

-विष्णु नागर॥

संघी शायद संघी ही रहें मगर वे इतने अक्लमंद जरूर हैं कि संघ के बहकावे में आकर दस- दस संतानें पैदा नहीं कर रहे। वैसे संघ की अपनी भाजपा समेत शाखाएं यानी उसक संतानें तो सौ से कम न होंगी। दो -चार कम होंगी तो इस अभाव की पूर्ति 2025 में- शताब्दी वर्ष में- कर ली जाएगी।वीर और वीरांगनाएं सौ साल की उम्र में भी संतानें पैदा करने में सक्षम होते हैं। इधर पता चला है कि संघ की एक संतान ‘संवर्धिनी न्यास ‘ है। इसका जन्म 15 अगस्त, 2021को हुआ बताया जाता है। यह अभी डेढ़ साल की बच्ची है। संघ की खानदानी परंपरा यह है कि इनमें हरेक की बुद्धि टेलरमेड होती है। पड़दादा-दादा, पिता और उसके बेटा-बेटी सबकी बुद्धि एक- दूसरे की सत्य प्रतिलिपि होती है।न कोई बुद्धि के मामले में एक इंच बड़ा होता है,न एक इंच छोटा! संवर्धिनी का भी ठीक यही हाल है। अभी डेढ़ साल की बच्ची है मगर संघ ने उसे काम पर लगा दिया है।चल बच्ची’ संवर्धिनी ‘ तू, गर्भवती महिलाओं की संतानों को ‘संस्कारित ‘ करने में जुट जा! ‘बाल श्रम ‘ का इससे निकृष्ट उदाहरण आपने देखा नहीं होगा मगर मोदी है, तो मुमकिन है। उसने ‘ गर्भ संस्कार ‘ अभियान शुरू कर दिया है। अब गर्भ में ही वह रामायण-गीता सुनने के लिए मांओं को प्रेरित करेगी, ताकि उनकी संतानें राम, हनुमान, शिवाजी बनें। सीता, सरस्वती, लक्ष्मी आदि का कोई प्रावधान नहीं है। खैर।

वैसे जन्म के बाद धरती पर प्रकट होनेवाली संतान राम होगी या हनुमान या शिवाजी या इन सबका मिक्स, यह कैसे तय होगा? गर्भ में बच्चे को इतना सारा ज्ञान दे दिया जाएगा तो वह कन्फ्यूज रहेगा। अगर किस्मत से भावी संतान राम हो भी गई तो उसे यह सिद्ध करना होगा कि वह दशरथ पुत्र नहीं है मगर राम है, उसे बारह वर्ष के लिए सीता और लक्ष्मण समेत वन गमन करना पड़ेगा‌! समस्या यह है कि आज की पत्नियां सबकुछ हैं मगर सीता, जैसी सीता नहीं हैं और आज के भाई के पास भी इतना फालतू समय नहीं है कि वह नौकरी या व्यापार छोड़ जंगल-जंगल भटके! उधर दशरथ जी राजा नहीं हैं तो उनकी पत्नी अगर कौशल्या है तो सुमित्रा और कैकेयी नहीं हो सकती। कानूनन आज के दशरथ जी एक ही शादी कर सकते हैं। तो राम को बारह वर्ष वन भिजवाने की समस्या भी आएगी!

मान लो, दशरथ जी की शादी कौशल्या के बजाय सुमित्रा या कैकयी में से किसी एक से हो गई तो राम जी का जन्म कैसे होगा? उधर सीता न वन जाएगी, न अग्निपरीक्षा देगी! और तो और केवल सीता को छोड़ने से ही कोई राम नहीं हो जाता वरना हमारे प्रिय मोदी जी अभी तक राम पद पा चुके होते! उनकी पत्नी जबकि सीता रूपी हैं। अमित शाह जैसे लक्ष्मण भी उन्हें प्राप्त हैं और मोदी जी का दावा है कि वह वनगमन भी कर चुके हैं मगर अकेले!

एक समस्या और है। वन भी अब हैं नहीं, जबकि रावण अनेक हैं। इन राम की जिंदगी तो इन सबको मारते- मारते ही निबट जाएगी।ऊपर से जेल भी हो सकती है!मतलब राम होने में ही सौ लफड़ हैं। हनुमान, शिवाजी वगैरह बनने में भी कितने होंगे? मगर संवर्धिनी जी को इस सबसे कोई मतलब नहीं। उनके सामने एक प्रोजेक्ट है।वह प्रोजेक्ट आफिसर हैं। परिणामों की चिंता करने के लिए मोदी जी और शाह जी हैं ही !

चार साल पहले संघ की कोई चिकित्सा शाखा भी है, उसने शिवाजी इत्यादि पैदा करने के लिए ग्रहों के अनुसार पति- पत्नी को संभोग करने की सलाह दी थी!खाकी चड्डी पर पैंट चढ़ा लेने से ऐसे ही ‘ उत्तम विचार ‘ आते हैं।इसके मुताबिक मुहूर्त निकाल कर यह शुभकार्य संपन्न करने से छोटे कद और सांवले मां- बाप की संतानें भी लंबी और गोरी हो सकती हैं। इस तरह यह संघ का नस्ल सुधार अभियान भी है। इन्हें हमारे सांवले-काले रंग पर और छोटे कद पर शर्म आ रही है। इन्हें गोरी और लंबी संतान चाहिए। इन्हें बेटी नहीं,बेटा चाहिए। इन्हें दशरथ और राम तो चाहिए, कौशल्या और सीता नहीं चाहिए!ऐसे राम, इनके स्वयंसेवक तो हो सकते हैं , राम नहीं। और सच भी यही है कि इन्हें स्वयंसेवक चाहिए, राम नहीं! क्योंकि राम पैदा हो गए तो मिथक यह है कि वे तो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। वे झूठ नहीं बोलेंगे, इनके काम नहीं आएंगे! इन्हें राम नहीं, नरेन्द्र चाहिए, झूठ की थ्री नॉट थ्री मशीन चाहिए!

सवाल यह भी है इन्हें वीर पुरुष ही क्यों चाहिए, जबकि इनकी स्वयं की वीरता का परीक्षण आजादी की लड़ाई के समय और आपातकाल में बहुत अच्छी तरह हो चुका है और नतीजे सामने हैं। वैसे सत्ता पाकर तो चूहा भी वीर हो सकता है। उसके लिए संघी होने की खास जरूरत नहीं!

इस उस देश में इन्हें पता नहीं किससे लड़ने के लिए, किस किले की रक्षा के लिए शिवाजी और राणा प्रताप चाहिए, जबकि यहां की मांएं आज भी भूख , कुपोषण, खून की कमी से पीड़ित हैं। जहां समय से पहले, कम वजन के, छोटे कद के बच्चे पैदा रहे हैं । एक मिनट से भी कम समय में मर रहे हैं। इन्हें मंदिर चाहिए, महाकाल लोक चाहिए, बुलेट ट्रेन चाहिए मगर इन बच्चों की प्राण रक्षा नहीं चाहिए क्योंकि इनके राम, इनके हनुमान, इनके शिवाजी इन घरों, इन झुग्गियों में जन्म नहीं लेते!

Facebook Comments Box

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *