राहुल गांधी बोले अगर भारत में लोकतंत्र है तो उन्हें संसद में बोलने क्यों नहीं दिया जाता.??
-अनुभा जैन॥
लंदन के कैम्ब्रिज युनिवर्सिटी के पूर्व छात्र राहुल गांधी ने युनिवर्सिटी में दिये अपने भाषण से तूफान मचा दिया है। संसद ठप पडी है और भाजपा सरकार राहुल से माफी मांगने पर आमदा है। राहुल का कैम्ब्रिज युनिवर्सिटी में यह कहना कि भारत में 2014 के बाद से भारत का लोकतंत्र खतरे में है और लोकतांत्रिक संस्थायें अब स्वतंत्र नहीं है साथ ही लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के माइक बंद कर दिये जाते हैं। राहुल के इन बयानों पर कांग्रेस पर भाजपा हमलावर हो रही है। जबकि राहुल गांधी का कहना है कि उन्होने कुछ भी भारत या भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ नहीं कहा है।
राहुल गांधी के इन सब बयानों पर भाजपा द्वारा जो यह बवाल मचाया जा रहा है इस तरह भारत विरोधी वक्तव्य हमें हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भी विदेशी धरती पर कई बार सुनने को मिले हैं। अपने वक्तव्य में मोदी जी ने कहा था की 2014 से पूर्व, भारतीयों को अपने भारतीय होने पर शर्म महसूस होती थी। इसी तरह भारत को एक भ्रष्ट देश बताया था प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पहली विदेश यात्रा के दौरान। तब यह हंगामा क्यों नहीं किया गया। प्रधानमंत्री जी को भी तो अपनी गरिमा बनाये रखने की जरूरत है और इस तरह की गंदी राजनीति करने से बचना चाहिये।
राहुल गांधी का कहना है कि अडाणी पर कुछ सवाल क्या संसद में उन्होने प्रधानमंत्री से पूछे इसलिये भाजपा इस तरह के हंगामे पर उतर आई? सदन का ध्यान भटकाने के लिये भाजपा द्वारा इस तरह का प्रपंच रचा गया है। साथ ही भाजपा द्वारा उन्हें संसद में बोलने का मौका भी नहीं दिया जा रहा है। यही से जनता असलियत को देख सकती है, क्या यही है लोकतंत्र की असली परिभाषा। अगर लोकतंत्र है तो उन्हें संसद में बोलने दिया जाता। उनका कहना है कि अब मैं बोलूंगा तो संसद में ही बोलूंगा। मुझ पर मोदी सरकार के चार मंत्रियों ने आरोप लगाये जिसका मैं जवाब देना चाहता हूं पर मुझे मौका नहीं मिला।
राहुल गांधी को दिल्ली पुलिस ने नोटिस दिया। राहुल गांधी के आवास के निकट पुलिसकर्मियों की मौजूदगी वाली तस्वीर दिखाते हुये कांग्रेस का कहना है कि नोटिस सबूत है कि सरकार घबराई है और यह नोटिस लोकतंत्र, महिला सशक्तिकरण, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विपक्ष की भूमिका को कमजोर करने का नवीनतम प्रयास भी है। राहुल गांधी के सवालों से बौखलाई सरकार पुलिस के पीछे छिप रही है। लेकिन राहुल अब “मेरा हक़, यहाँ रख” वाले तेवर लेकर सामने आ गए हैं। जिससे निपट पाना अब भाजपा सरकार के लिए मुश्किल साबित हो सकता है।
राहुल गांधी का कहना है कि सरकार और प्रधानमंत्री मोदी, अदानी के मामले से डरे हुये हैं। राहुल के अनुसार मोदी और अदानी के बारे में उन्होने सदन में पहले भी भाषण दिया जिसे मिटाया गया। वे कहते हैं कि जनता जानना चाहती है कि मोदी और अडाणी के बीच क्या रिश्ता है।
कांग्रेस का कहना है कि यह इतिहास में पहली बार हो रहा है कि सत्ता पक्ष संसद नहीं चलने दे रहा है।
अंत में, कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों की एकदूसरे पर छींटाकशी से यह बात तो तय है कि सत्ता की खातिर तरह तरह के खेल खेलते ये राजनीतिज्ञ एक ही थाली के बैंगन हैं।