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-अनुभा जैन॥
कर्नाटक में सत्ता हथियाने के लिए अपनी पूरी क्षमता और ताकत के साथ चुनावी अखाड़े में उतरी तीन प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, भाजपा और जनता दल को बागी प्रत्याशियों की गर्मी परेशान कर रही है। 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि सोमवार को अपराह्न तीन बजे थी। पार्टियों द्वारा बागियों को अपना नामांकन वापस लेने के लिए मनाने के लगातार प्रयासों के बावजूद, उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया और ये बागी अब आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए खतरा बन गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक कम से कम 14 सीटों पर बीजेपी बागी उम्मीदवारों को अपना नाम चुनावी सूची से हटाने के लिए राजी नहीं कर पाई। जिन प्रमुख सीटों पर बागी उम्मीदवारों को देखा जा सकता है, वे हैं पुत्तूर, बैलहोंगल, चन्नागिरी और अफजलपुर। भाजपा ने सभी 224 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे हैं लेकिन पार्टी अभी भी बगावत की मार झेल रही है।
इसी तरह कांग्रेस में 18 सीटों पर बागी चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि, मांड्या सीट से जेडीएस पार्टी का एक ही बागी उम्मीदवार चुनावी युद्व में शामिल है।

कृष्णयैया शेट्टी गांधीनगर से चुनाव लडने को आमदा हैं। शेट्टी ने कहा, ’सभी सर्वे मेरे पक्ष में थे लेकिन फिर भी मुझे टिकट नहीं दिया गया। मैं बीजेपी के साथ रहूंगा, लेकिन एक बागी उम्मीदवार के तौर पर।’ इसी तरह, अरुण के. पुथिला पुत्तूर से भाजपा के बागी दावेदार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार ने पुथिला को नामांकन वापस लेने के लिए भरसक प्रयास किया था। निर्दलीय प्रत्याशी मदल मल्लिकार्जुन भाजपा के बागी उम्मीदवार के रूप में चन्नागिरी से चुनाव लड़ेंगे; तुमकुर में पूर्व मंत्री सोगाडू शिवन्ना ने भी बगावत कर दी है।
बेलगावी में बैलहोंगल, विश्वनाथ पाटिल ने अपना नाम वापिस नहीं लिया है और उनकी उपस्थिति जगदीश मेटागुड की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है। कलबुर्गी के अफजलपुर से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री मलिकय्या गुट्टेदार के भाई नितिन गुट्टेदार मैदान में हैं।

कांग्रेस से, पुलकेशीनगर के विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति कांग्रेस द्वारा टिकट से इनकार किए जाने के बाद बागी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के बागी यूसुफ शरीफ केजीएफ बाबू ने केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के फोन आने के बाद भी चिकपेट में अपना नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया।

जद (एस) में पूर्व मंत्री शंकर गौड़ा के पोते केएस विजयानंद बागी उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं।

इधर भाजपा लगभग 7 बागियों को अपनी उम्मीदवारी वापस लेने से रोकने के लिए बातचीत करने में सफल रही। इसमें शामिल हैं महादेवप्पा यादवाद (रामदुर्ग); राजेश गौड़ा (कुनिगल); रामप्पा लमानी (शिरहट्टी), और विधायक नेहरू ओलेकर; चित्रदुर्ग में सौभाग्य बसवराजन; विजयनगर जिले के हरपनहल्ली में दिवंगत डिप्टी सीएम एम.पी.प्रकाश की बेटी लता मल्लिकार्जुन सहित अन्य।
इस कडी में, कांग्रेस पार्टी ने मल्लिकार्जुन (चिकपेट) नामक छह बागियों को मना लिया हैं जिनमें हैं शारदा शेट्टी (कुम्ता); अल्ताफ कित्तूर (हुबली-धारवाड़ मध्य), आदि।

उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए दोनों पार्टियां या तो बागी उम्मीदवारों को तटस्थ बनाने की कोशिश कर रही हैं या उनके प्रचार को रोकने की कोशिश कर रही हैं। Report-Anubha Jain

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