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-अनुभा जैन॥
उद्योगपति गौतम अडानी से संबंधित आरोपों का जवाब नहीं देने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों ने बुधवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने मोदी पर अरबपति पर “रक्षा“ करने का आरोप लगाया। पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्टरपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी द्वारा पूछे प्रश्नों की अनदेखी की गयी। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुये यह कहा कि ‘और किसका क्या इरादा है, ये सारी बातें प्रकट होती ही हैं।’
राहुल ने आरोप लगाया कि यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री गौतम अडानी की रक्षा कर रहे थे क्योंकि उन्होंने अमेरिका स्थित एक शोध फर्म द्वारा उद्योगपति के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच का आदेश नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनसे पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। पार्टी ने उसी समय मोदी से विवाद पर तीन सवालों का एक और सेट रखा। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे सवालों का मुझे प्रधानमंत्री से कोई जवाब नहीं मिला। प्रधानमंत्री सदमे में थे और उनके पास कोई जवाब नहीं था। मैंने कोई पेचीदा सवाल नहीं पूछा था। मैंने केवल इतना पूछा कि वह (अडानी) कितनी बार आपके साथ गया है। वह आपसे कितनी बार मिला। मैंने साधारण सवाल किए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।“ कांग्रेस ने यह भी सवाल किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने छह हवाई अड्डों को एक “अनुभवहीन“ अडानी समूह को सौंपने के खिलाफ नीति आयोग की सिफारिशों को “अनदेखा“ क्यों किया, एक दिन बाद जब राहुल गांधी ने व्यापारिक समूह की संपत्ति में भारी वृद्धि को भाजपा के सत्ता में आने के बाद जोड़ा।
एक तरफ मोदी यह कहते हैं कि वे मीडिया और अखबारों के भरोसे प्रधानमंत्री नहीं हैं तो दूसरी तरफ सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा को बताया कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद से सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन पर 3,260.79 करोड़ रुपये और पिं्रट मीडिया में विज्ञापन पर 3,230.77 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ठाकुर के अनुसार, पिछले आठ वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2017-18, 2020-21, 2021-22 और 2021-22, 2022-23 को छोड़कर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तुलना में प्रिंट मीडिया में विज्ञापन पर अधिक राशि खर्च करने की प्रवृत्ति दिखाई है।
मोदी सरकार द्वारा इस तरह का रवैया और कार्यवाही देश हित मे ना होकर बेहद अशोभनीय है।

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