भारत दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी मौलिक रूप से आपस में जुड़े हुए हैं: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी
-अनुभा जैन॥
जैव विविधता और पर्यावरण के क्षरण के परिणाम जीवन के सभी पहलुओं में लागत और जटिलता को बढ़ा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान के परस्पर संबंधित मामले एक ठोस और अशांकित वैश्विक प्रयास की मांग करते हैं और इसके लिए जी20 देशों द्वारा एक प्रतिबद्ध दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता है। भारत, ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए विशिष्ट रूप से तैनात है। ग्लोबल साउथ, विशेष रूप से जी 20 संवाद की ओर देखता है और एक तत्काल आम सहमति की आवश्यकता है जो विकासशील देशों के लिए जलवायु संकट और ऋण संकट दोनों को रोकता है, यह बात हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से बेंगलुरु में चल रही पहली पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह की बैठक को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में सरकार ने जलवायु न्याय की वकालत करने के लिए कई परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं। ग्लासगो में COP-26 एक्शन प्लान में प्रधान मंत्री मोदी की पंचामृत कार्य योजना की घोषणा में भारत की परिकल्पना 2070 तक शुद्ध.शून्य उत्सर्जन वाला देश बनने की है। पुरी ने जोर देकर कहा कि भारत यह प्रदर्शित कर रहा है कि अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी एक-दूसरे के विपरीत नहीं हैं बल्कि वास्तव में मौलिक रूप से आपस में जुड़े हुए हैं।
पुरी ने कहा कि वर्किंग ग्रुप जी20 देशों के लिए लाइफ मूवमेंट के मूल सिद्धांतों को अपनाने और वैश्विक स्तर पर स्थायी जीवन को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक हो सकता है। इसमें जलवायु परिवर्तन के आसपास के संवाद में न्याय और निष्पक्षता को शामिल करने की क्षमता है और जलवायु वित्तपोषण में तेजी लाने और सहयोगी कार्यों को चलाने के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी साधनों का नेतृत्व करता है।
एक स्थायी जीवन शैली अपनाने के महत्व की पुष्टि करते हुए, पुरी ने कहा कि यह ध्यान देने के लिए उत्साहजनक है कि कार्य समूह में जिन तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर चर्चा की जानी है वे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण के लिए जीवन शैली LiFE मिशन के साथ संरेखित हैं जो सचेत और जागरूकता पर जोर देता है।
उन्होंने कहा कि यहां सभी प्रतिनिधि एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए इकट्ठे हुए हैं जो इस वर्ष के जी20 विषय श्वसुधैव कुटुम्बकम. एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य में प्रतिपादित है।





कार्यकारी समूह की बैठक के महत्व के बारे में बात करते हुए पुरी ने कहा कि इस वर्ष का कार्य समूह जी20 देशों को शर्म अल.शेख में सीओपी-27 और मॉन्ट्रियल में इस साल आयोजित जैव विविधता सम्मेलन की सिफारिशों के आधार पर एक ठोस रोडमैप की अवधारणा और अपनाने का अवसर प्रदान करता है।
अंत में, पुरी ने कहा कि पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह की बैठक में विचार.विमर्श के दौरान सामूहिक अनुभवों के माध्यम से एक साहसिक व दूरदर्शी रोडमैप बनाने में मदद मिलेगी जिसे जी20 नेताओं के साथ साझा किया जा सकता है।