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झारखंड की राजधानी रांची में 16 साल की युवती के साथ प्रेमी ने पहले दुष्कर्म किया, इसके बाद उसे बेच दिया. बेचने के बाद नाबालिग के साथ एक महीने तक आधा दर्जन लोगों ने दुष्कर्म किया. इसका खुलासा तब हुआ जब घटना में संलिप्त दो आऱोपी अजय तिर्की उर्फ प्रिस और गौरव को पुलिस ने गिरफ्तार किया. घटना में संलिप्त चार अपराधी नवीन क्षेत्री, सेंटू, शनि और शाहिल फरार है. पुलिस आऱोपी के संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही है. बरियातु थाना पुलिस ने पीड़ित नाबालिग का बयान दर्ज किया.

दर्ज बयान में बताया गया है कि 24 अक्टूबर की रात फोन कर गौरव अपने आलू-प्याज के गोदाम में बुलाया, और रातभर रेप किया. 25 अक्टूबर को अपर बाजार स्थित अपना दुकान ले जाकर एक अंकल के हवाले कर दिया. कुछ देर बाद कार में एक अंकल रिया सिन्हा नामक महिला के साथ पहुंचे और उसे अपने साथ लेकर चले गए. कार में पहले से दो युवती मौजूद थी. अंकल के मोबाइल पर वीडियो कॉल आया जिसके बाद तीनों को दिखाया गया. कार में सवार एक युवती को हरमू मुक्तिधाम के समीप उतारा गया. दूसरे युवती को वेंडर मार्केट के समीप उतारा गया. जबकि पीड़िता को संत अन्ना स्कूल के आगे उतार दिया. वहां पहले से खड़ा एक युवक किसी अनजान जगह स्थित अपने कमरे में ले गया. कमरे में युवक शराब पीकर डांस किया. फिर जबरन शराब पिलाकर पीड़िता के साथ रेप किया. सुबह में कार वाले अंकल बकरी बाजार के समीप कमरे में पहुंचे और यह कहते हुए चले गए कि आराम करो, रात में फिर जाना होगा. पीड़िता एक दिन भागकर मेन रोड पहुंची, जहां जान-पहचान वाले युवक शनि और साहिल से मदद मांगी. दोनों मदद के नाम पर स्टेशन रोड स्थित एक कमरे में ले जाकर गैंगरेप किया. इसके बाद भागकर बकरी बाजार स्थित कमरे में पहुंची. इसी तरह करीब एक महीने तक रांची के कई होटल और अन्य जगहो पर ले जाकर पीड़िता से साथ दुष्कर्म किया गया.

गुमशुदगी के आवेदन पर पुलिस नही थी गंभीर

24 अक्टूबर को पीड़िता आरोपी गौरव के बुलाने पर पंडरा स्थित आलू प्याज गोदाम पहुंची. पीड़िता का सोशल मिडिया के माध्यम से गौरव से जान पहचान हुआ था. गौरव 24 अक्टूबर को बुलाकर दुष्कर्म किया, 25 अक्टूबर को अपर बाजार में एक व्यक्ति के हाथों बेच दिया. इसके बाद बकरी बाजार के समीप एक कमरे में रखा जाता था. जहां से कार में ले जाकर अलग अलग जगहो पर ले जाकर दूसरे लड़को के हवाले कर दिया जाता था. 26 नवम्बर को नामकुम स्थित एक कमरे से अजय तिर्की को पुलिस ने पकड़ा. पीड़िता के पिता ने 25 अक्टूबर को बरियातु थाने में गुमशुदगी का आवेदन दिया गया था. हालांकि पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और प्रेम-प्रसंग में बच्ची के भागने जाने की आशंका जताते हुए टाल-मटोल करती रही. मामले में पुलिस गंभीर होती तो पीड़िता को बचाया जा सकता था. वही कार वाले अंकल और रिया सिन्हा आखिर कौन है, यह पुलिस के लिए मिस्ट्री बना हुआ है. पीड़िता ने पुलिस को कई जगहो के बारे में जानकारी दी है. जिसकी पुलिस गहनता से छानबीन नही कर रही है. घटना में संलिप्त अन्य आऱोपी भी पुलिस गिरफ्त से दूर है.

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