Latest Post

कांग्रेस ‘कमल छाप नस्ल’ से निज़ात पाए.. मोदी की महाविजय, महिला मतदाता नायिका ?

-सुनील कुमार॥

फेसबुक पर हर कुछ दिनों में एक बहुत सनसनी खेज किस्म की पोस्ट दिखती है जिसमें कभी नारायण मूर्ति, कभी नंदन निलेकेणी, तो कभी करण थापर जैसे लोगों के इंटरव्यू दिखाए जाते हैं, और देश की कुछ सबसे नामी-गिरामी वेबसाईटों की कतरन की तरह वह विज्ञापन पोस्ट रहती है। इनमें ये बड़े-बड़े लोग बताते हैं कि किस तरह क्रिप्टो करेंसी या किसी और जालसाजी के कारोबार में पैसा लगाकर उन्होंने कितनी कमाई की है। यह सिरे से ही जालसाजी का काम रहता है, और इसमें ऐसी धोखेबाज वेबसाइटों के लिंक भी रहते हैं। पढऩे वाले लोगों में से जो कमअक्ल लोग रहते हैं, वे इन पर भरोसा भी कर लेते हैं, और हो सकता है कि कई लोग इनमें पैसा लगा भी देते हों। आजकल मालूमी से अखबार भी इश्तहारों के साथ यह छापते हैं कि इनमें किए गए दावों की जांच लोग खुद कर लें, अखबार इसके लिए जिम्मेदारी नहीं रहेंगे, लेकिन फेसबुक जैसी दुनिया की एक सबसे बड़ी कंपनी लगातार यह धोखाधड़ी बढ़ा रही है। ऐसा भी नहीं कि फेसबुक को इसके बारे में पता न चले, इस अखबार के संपादक जो कि यह लिख रहे हैं, उन्होंने फेसबुक के ऐसे झांसे वाले पोस्ट पर बार-बार लिखा है कि यह धोखा है, और फेसबुक को इसकी शिकायत भी की है, लेकिन पैसे कमाने के चक्कर में फेसबुक जालसाजी के ऐसे इश्तहार लगातार दिखाते रहता है। अब ताजा मामला बीबीसी का एक नकली पेज बनाकर उस पर करण थापर नाम के चर्चित पत्रकार के नाम से जालसाजी को बढ़ावा देने की सिफारिश का है जिसका कि बीबीसी ने खंडन किया है, और करण थापर ने इसकी पुलिस रिपोर्ट लिखाई है।

आज अगर ट्विटर और फेसबुक जैसे खरबों के कारोबार वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्म इतने संगठित जुर्म को बढ़ावा दे रहे हैं, तो अलग-अलग देशों के कानून के मुताबिक इन पर कार्रवाई भी करनी चाहिए। ये तरीके इतने भौंडे रहते हैं कि इनकी शिनाख्त साधारण समझ वाले लोग भी कर सकते हैं, ऐसे में फेसबुक हर कुछ दिनों में एक ही तरीके से की जा रही इस जालसाजी को पकड़ न सके, इतनी नालायक भी ये कंपनी नहीं है। दुनिया के बहुत से देशों में ये सोशल मीडिया कंपनियां तरह-तरह के मुकदमे झेल रही है, और सैकड़ों करोड़ डॉलर के जुर्माने भी भर रही है। भारत अब तक इनके साथ कुछ अधिक ही रहमदिल रहते आया है, और सिर्फ सत्ता को नापसंद सामग्री को रोकने से ही इन कंपनियों को रियायत मिलते जा रही है। इनके खिलाफ अदालत तक मामला जाना चाहिए और इन कंपनियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए कि जालसाजों से कमाई करके लोगों को उनके जाल में फंसाने में मददगार होने का क्या नतीजा होता है।

यह तो बात हुई बड़ी कंपनयिों की जिन पर कि कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जो लोग ऐसे इश्तहारों या झूठे इंटरव्यू के झांसे में आते हैं, उन्हें खुद भी थोड़ी सी समझदारी दिखानी चाहिए। जब देश के सबसे चर्चित लोग करिश्मे की तरह कमाई दिखाने वाले सपने दिखाते हैं, तो ऐसे इश्तहारों पर भरोसे के बजाय अपनी आम समझ पर भरोसा अधिक करना चाहिए। लोगों को अपनी इस लालच पर भी काबू रखना चाहिए कि कोई भी कानूनी तरीका उन्हें पूंजीनिवेश से कई गुना मुनाफा दिला सकता है। लोगों को यह मानना चाहिए कि ऐसे सपने दिखाने वाले लोग ठग और जालसाज होते हैं, और दो दिन में आम की गुठली से पेड़ और फसल देने के इश्तहार सिवाय जालसाजी और कुछ नहीं होते। लेकिन इंसानों की हसरत रहती है जो दो महीनों में ऊंचाई बढ़ाने, मोटापा घटाने के दावों पर भरोसा कर लेते हैं, तांत्रिक अंगूठी पहनकर गड़ा हुआ खजाना पाने पर भी भरोसा कर लेते हैं। आए दिन कई ज्योतिषी और जादूगर इश्तहार छपवाते हैं कि उनके मंत्र से किस तरह एक दिन में किसी महिला या पुरूष को गुलाम की तरह मोहित किया जा सकता है। और ऐसे इश्तहार जब लगातार छपते हैं, तो जाहिर है कि छपाई का खर्च तो निकलता ही होगा। यह 21वीं सदी आ गई है, लेकिन लोग अंधविश्वासों पर अधिक भरोसा कर रहे हैं, और रॉकेट टेक्नॉलॉजी पर कम। नतीजा यह है कि तरह-तरह के जालसाज तरक्की कर रहे हैं। किसी सयाने ने बहुत पहले कहा भी था कि जब तक बेवकूफ जिंदा हैं धूर्त भूखे नहीं मर सकते।

हर बरस या हर कुछ महीनों में झांसा देने के नए-नए तरीके इजाद किए जाते हैं, और पिछला तरीका बेअसर हो जाए, लोगों के सामने अगला धोखा पेश कर दिया जाता है। बहुत से धोखे तो बच्चों के दिमाग अधिक तेज करने के नाम पर चलते हैं, और अतिमहत्वाकांक्षी बहुत से मां-बाप अपने बच्चों को जाने कैसे-कैसे जालसाजों के पास झोंक देते हैं। हमारा ख्याल है कि सरकारों को इश्तहारों और सोशल मीडिया के जरिए या एसएमएस और ईमेल के जरिए ठगने और धोखा देने वालों पर नजर रखने के लिए अधिक तेज एजेंसी बनानी चाहिए, उसके बिना हिंदुस्तान में ही हर दिन लाखों लोग इनके शिकार हो रहे हैं।

Facebook Comments Box

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *